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Jul 16, 2020 10:56:33 GMT 5.5
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Post by DAIVIK-RAJ on Jul 16, 2020 10:56:33 GMT 5.5
Hai I
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Jul 16, 2020 11:01:45 GMT 5.5
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Post by DAIVIK-RAJ on Jul 16, 2020 11:01:45 GMT 5.5
Ye meri first story hai maine bahut sari story ko read kar unkoe anubhab se ye story likne ja raha hu. Aasa karta hu mujhe aapka sath milega
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Jul 16, 2020 11:06:21 GMT 5.5
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Post by DAIVIK-RAJ on Jul 16, 2020 11:06:21 GMT 5.5
Ye ek short story hogi jo ki 15 to 25 update tak chalegi
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Jul 16, 2020 11:07:22 GMT 5.5
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Post by DAIVIK-RAJ on Jul 16, 2020 11:07:22 GMT 5.5
Ye ek short story hogi jo ki 15 to 25 update tak chalegi. First update aaj rat tak
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Jul 16, 2020 11:33:52 GMT 5.5
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Post by DAIVIK-RAJ on Jul 16, 2020 11:33:52 GMT 5.5
Ye ek short story hogi jo ki 10 to 20 update tak chalegi. First update aaj rat tak Everday el se do update aayenge
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Jul 16, 2020 16:29:05 GMT 5.5
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Post by DAIVIK-RAJ on Jul 16, 2020 16:29:05 GMT 5.5
परिचय विक्रम सिंह - हिमाचल प्रांत के एक राज्य का राजा, विक्रम सिंह के तीन संतान हैं। अजय सिंह-बड़ा बेटा और होने वाला महाराज विजय सिंह-दूसरा बेटा सुमन सिंह-इकलौती बेटी
अजय सिंह का परिवार शिवानी सिंह-पत्नी करण सिंह -बड़ा बेटा अर्जुन सिंह-छोटा बेटा
विजय सिंह का परिवार संजना सिंह-पत्नी देवा सिंह-इकलौता बेटा
सुमन सिंह का परिवार संजय चौहान-पति देव चौहान-बड़ा बेटा सूरज चौहान-छोटा बेटा
रतन सिंह-अजय सिंह का दोस्त और होने वाला सेनापति निशा सिंह-रतन सिंह की बड़ी बेटी दिव्या सिंह-रतन सिंह छोटी बेटी
पवन सिंह-विजय सिंह का मित्र और होने वाला सलाहकार राधा-विजय सिंह की बेटी
यह था पात्रों का परिचय आने वाले पात्रों के परिचय आने वाले अपडेट के साथ होगा नया अपडेट कुछ ही देर में।
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Jul 16, 2020 16:54:46 GMT 5.5
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Post by DAIVIK-RAJ on Jul 16, 2020 16:54:46 GMT 5.5
अपडेट-1
अवध प्रांत के एक मोहल्ले में, जहां मध्यमवर्गीय लोग रहते हैं। वहां सूरज चौहान अपनी पत्नी के साथ हंसी खुशी अपना जीवन व्यतीत करता था। सूरज चौहान जिसकी पत्नी का नाम सुमन चौहान थी। वह हिमाचल के एक राजघराने से थी, लेकिन भाग कर शादी करने के कारण उसके परिवार वालों ने उससे सारे रिश्ते तोड़ दिया, और सुमन ने भी कभी पलट कर अपने परिवार वालों के बारे में जानने की कोशिश नहीं की या यूं कहें कि अपने परिवार वालों से सारे संपर्क तोड़ कर अवध में आकर बस गई।
कहने को तो इस परिवार में सभी तरह की खुशियां थी, लेकिन सूरज चौहान और सुमन चौहान की एक भी संतान नहीं था। एक दिन संजना ने सूरज से कहा कि हम एक बच्चे को गोद ले लेते हैं। इस पर सूरज ने जवाब दिया अभी हम लोगों ने हिम्मत नहीं हारी है, यदि हमारे नसीब में अपना बच्चा नहीं हुआ तो हम एक बच्चों को अवश्य गोद ले लेंगे। कुछ दिनों बाद सूरज चौहान को कहीं से पता चला की, बगल वाले गांव में एक बहुत पहुंचे हुए साधु आए हैं। उसने इस बारे में अपनी पत्नी से विचार विमर्श किया और इस नतीजे पर पहुंचा की, वे दोनों कल उस साधु के पास जाकर अपनी समस्या का समाधान मांगेंगे। दूसरे दिन वह दोनों एक साथ साधु के के पास गए। उन्होंने साधु से बहुत प्रार्थना है कि की है प्रभु शादी के इतने सालों हमारी कोई संतान नहीं है, कृपया हमें कोई उचित मार्ग दिखाएं। साधु ने कहा की यह तुम्हारी पत्नी के अपराध का नतीजा है। उसने तुम से विवाह करने के बाद एक बार भी अपने परिवार वालों के बारे में जानने की कोशिश नहीं की कि वे लोग कैसे हैं किस हाल में है, फिर भी मैं तुम्हें इस समस्या का समाधान बताऊंगा। साधु ने कहा की हिमालय के दो चोटी के बीच में एक मंदिर है। यदि तुम लोग वहां पर जाकर वहां के तालाब में स्नान कर, प्रभु से कुछ भी मांगोगे तो वह कभी मना नहीं करेंगे। तुम्हें संतान की प्राप्ति का मार्ग वहीं से मिल सकता है। उन दोनों ने साधु का बहुत धन्यवाद की और अपने घर लौटे हैं। कुछ दिनों के बाद वे दोनों उस मंदिर में जाने के लिए घर से निकले और कठिन रास्तों से होकर वे दोनों मंदिर पहुंच गए। उन्होंने उचित नियम का पालन करें सबसे पहले स्नान किया, फिर प्रभु की पूजा की और अपने संतान का वर मांग कर मंदिर से बाहर निकले। तभी संजय को पहाड़ की चोटी पर से कुछ गिरता हुआ दिखाई दिया। उसने ध्यान से देखा तो पता चला यह कोई बालक है। उसने उस बालक को बताया वह कोई एक-दो का बालक था। उसने इस बालक को प्रभु का प्रसाद समझकर अपने पास रख लिया और इसका नाम देव रखा। उन्होंने कभी इस बालक को इस विषय में नहीं बताया। कुछ दिनों बाद उन्हें सुमन ने एक पुत्र को जन्म दिया और इसका नाम सूरज रखा। देव के हाथ पर एक त्रिशूल का निशान था, उन्होंने ठीक वैसा ही निशान सूरज के हाथ पर भी बनवाएं, लेकिन यह निशान देव के निशान से थोड़ा सा अलग था।
अगला अपडेट आज रात तक या कल सुबह तक
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Jul 16, 2020 16:58:23 GMT 5.5
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Post by DAIVIK-RAJ on Jul 16, 2020 16:58:23 GMT 5.5
यह रहा आज का पहला भाग यदि कोई गलती हो तो क्षमा करें क्योंकि यह मेरी पहली कहानी जो मैं खुद लिख रहा हूं और यह एक काल्पनिक कहानी है।
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Jul 17, 2020 5:34:02 GMT 5.5
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Post by DAIVIK-RAJ on Jul 17, 2020 5:34:02 GMT 5.5
Update 2
देव के मिलने के बाद जब संजय उसको लेकर अपने घर आया ,उसके बाद उसने एक बिजनेस शुरू किया। देखते ही देखते उसका बिज़नेस आसमानों की ऊंचाइयां छूने लगा। उन्होंने इसका श्रेय देव को ही दिया। देव का प्रारंभिक शिक्षा उन्होंने अपने शहर के एक बहुत बड़े स्कूल में करवाएं और आगे भी वह हमेशा अच्छे स्कूलों में ही पढाया। जब जब सूरज का जन्म हुआ तो देव भी सूरज को बहुत प्यार करने लगा और हमसे हमेशा अपने पास ही रखता। धीरे धीरे दोनों भाइयों में प्रेम बढ़ता गया और उसका परिवार हंसी खुशी चलने लगा। 18 साल बाद आज आज सूरज 18 साल का हो गया था और देव भी 20 साल का। देव ने अपना बिजनेस संभाल लिया था, और उसे पूरे देश में चला था। उसने सूरज का एडमिशन अमेरिका के एक मशहूर कॉलेज में करवा लिया था। सूरज अपने कॉलेज में हमेशा प्रथम आता था। एक दिन जब सूरज कॉलेज अपने घर जा रहा था तो रास्ते में उससे लड़की टकराई। वह लड़की की आंखों में ही खो गया। उसने उस लड़की को अपना जीवनसाथी बनाने का फैसला कर लिया। लेकिन जब उसका ध्यान वर्तमान हालातों पर गया तो उसने देखा कुछ गुंडे उस लड़की का पीछा कर रहे थे। उसने उस गुंडों की बहुत पिटाई की और अंत में उसने सारे गुंडों का पुलिस के हवाले कर दिया क्योंकि किसी ने पुलिस को फोन कर दिया था। सूरज-आपका नाम क्या है और वह गुंडे आपके पीछे क्यों कर रहे थे लड़की -शुक्रिया मेरा नाम राधा है और वह मेरा पीछा क्यों कर रहे थे यह मुझे पता नहीं सूरज-वैसे उन गुंडों की भी कोई गलती नहीं थी यदि उनके सामने इतनी खूबसूरत लड़की आ जाए तो वह परेशान करेंगे ही राधा-आप मुझपर लाइन मारने की की कोशिश कर रहे हैं। सूरज-आप जैसा समझिए वैसे मुझे आपका मोबाइल नंबर मिलेगा राधा-अलविदा मेरी किस्मत में हुए तो हम दोबारा मिलेंगे। और और इसके बाद राधा अपने रास्ते चली जाती है । जब कुछ दिनों तक सुरेश को राधा नहीं मिलता तो उसे ढूंढने की बहुत कोशिश की लेकिन ढूंढ नहीं पड़ता है। फाइनल एग्जाम के बाद सूरज अपना रिजल्ट लेकर वापस अपने शहर आ जाता है। वह आगे की पढाई भारत में करने का फैसला करते हैं।
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Jul 17, 2020 13:18:47 GMT 5.5
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Update 3
भारत आने के बाद सूरज सबसे पहले अपने घर जाता है ,जहां उसका भाई और पिता उसका इंतजार कर रहे थे ।सूरज की मां की मौत कुछ साल पहले किसी हादसे में मौत हो गई थी। सूरज घर जाकर सबसे मिलता है और थोड़ी देर आराम करने के लिए अपने कमरे में चला जाता। दूसरे दूसरे दिन वह सुबह उठकर जिम जाता है और कसरत करता है। उसके बाद तैयार होकर नीचे भोजन पर आता है जहां देव और संजय पहले से ही थे। संजय-और बरखुरदार आगे का क्या प्लान है। सूरज-पापा पहले तो भैया के साथ शहर घूम लूंगा , उसके बाद यहां के किसी अच्छे कॉलेज में एडमिशन लूंगा। देव-हां क्यों नहीं मैं तुम्हें इस शहर को अच्छी तरह से सर करवा दूंगा और जहां तक एडमिशन का सवाल मैं खुद तुम्हारे लिए कॉलेज सेलेक्ट करूंगा। सूरज-यह तो बहुत अच्छी बात है भैया। कुछ कुछ दिनों के बाद देव सूरज को उस शहर के एक अच्छे कॉलेज का नाम बताता है ,जहां सूरज एडमिशन व अपने कांटेक्ट से ही करता रहता है। सूरज को पता चलता है कि 10 दिन के बाद उसका कॉलेज स्टार्ट होने वाला है इसलिए वह सबसे पहले कॉलेज के सामान का मार्केटिंग करते हैं और फिर कुछ दिन अपने पिता और भाई के साथ खुशी से बिताता है। कॉलेज के कुछ नियम के अनुसार प्रत्येक विद्यार्थी को कॉलेज हॉस्टल में ही रहना पड़ता है ।जिस कारण सूरज की अपने घर पर ना रुक कर हॉस्टल आ जाता है। जब वह हॉस्टल पहुंचता है तो वार्डन उसे उसका रूम दिखाते हैं, जहां 3 विद्यार्थी पहले से ही थे (इनका इस कहानी में कोई योगदान नहीं है)। सब से मिलने के बाद सूरज रूम में अपना सामान सेट करता है और फिर कॉलेज कैंपस घूमने निकल जाता है। 2 दिनों के बाद जब कॉलेज स्टार्ट होता है तो वह चारों सुबह-सुबह तैयार होकर सही टाइम से कॉलेज के लिए निकल जाते हैं। लेकिन जब कॉलेज पहुंचते हैं तो उन्हें पता चलता है किस कॉलेज में रैगिंग भी होती है। सूरज के दोस्तों को मुर्गा बनाया जाता है तथा सूरज से डांस करवाया जाता है। सूरज इसे मजाक में लेता है और डांस कर देता है। उसके बाद यह लोग कलास की तरफ पर जाते हैं, लेकिन जब यह आगे बढ़ते हैं तो इनका ध्यान एक दूसरे ग्रुप की तरफ जाता है। जहां वे एक लड़की का रैगिंग ले रहे थे। सूरज को लड़की थोड़ी परेशान दिख रही थी। जब सूरज वहां जाता है तो उसे पता चलता है कि वे लोग उस लड़की को कह रहे थे कि उसे उनके बॉस को किस करना पड़ेगा, जिसके लिए लड़की मना कर रही थी। सूरज जब लड़की को ध्यान से देखता है तो उसे पता चलता है कि यह राधा है। इस पर सूरज को बहुत गुस्सा आता है और वह उन ग्रुप के लड़कों की पिटाई करता है और राधा को लेकर क्लास की तरफ बढ़ जाता है। सूरज -तो तुम इसी कॉलेज में पढ़ती है। राधा-बचाने के लिए शुक्रिया लेकिन मैं कहीं भी पर उससे तुम्हें क्या दिक्कत सूरज- अरे तुम तो बुरा मान गई, मैं तो यूं ही पूछ रहा था चलो कोई बात नहीं अब कॉलेज में पढ़ते हैं तो मिलना जुलना लगा ही रहेगा। राधा-वैसे तुम किस विषय से हो। सूरज -मैं साइंस से हूं और तुम? राधा - मैं भी साइंस से फिर उसके बाद दोनों अपने कक्षा में चले जाते हैं और वहां सूरज राधा से उसका नंबर भी मांग लेता। राधा भी बिना किसी परेशानी के सपना नंबर दे देती है क्योंकि उसने उसकी दो दो बार मदद की थी। (राधा सोचती है लड़का बुरा नहीं है फिर भी कुछ दिन दिखती हूं) उसके बाद वे दोनों अच्छे दोस्त बन जाते हैं और धीरे-धीरे समय बीतने लगता है। एक दिन सूरज सोचता है कि अब राधा को प्रपोज करना चाहिए और वह राधा के जन्मदिन पर उसे प्रपोज कर देता है और राधा भी मना नहीं कर पाती हैं। धीरे धीरे इनके प्यार की कहानी पूरे कॉलेज में फैल जाते हैं। कहते हैं समय का किसी के लिए नहीं रुकता है हमेशा बीटता जाता है। अब इनके फाइनल एग्जाम का समय आ गया था और यह दोनों अच्छे से एग्जाम देते हैं फिर राधा सूरज को अपना पता बताती है और उसे आने के लिए कहती है।
अगला अगला अपडेट शाम तक, आपके रिप्लाई का इंतजार।
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